मैंने एक बड़े आदमी से पूछा
'तुमने यह कोट कहाँ से पाया'
उसने मुझे घूर कर देखा
और कोट उतार कर फेंक दिया
मैंने उससे पूछा, 'तुमने यह चश्मा कहाँ से पाया'
उसने चश्मा भी उतार कर फेंक दिया
और अंधा हो गया!
जब मैंने पूछा
'बड़े आदमी तुम आदमी तो हो न!'
तो वह नंगा हो गया और मर गया.
----------------विश्वनाथ त्रिपाठी से साभार
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'तुमने यह कोट कहाँ से पाया'
उसने मुझे घूर कर देखा
और कोट उतार कर फेंक दिया
मैंने उससे पूछा, 'तुमने यह चश्मा कहाँ से पाया'
उसने चश्मा भी उतार कर फेंक दिया
और अंधा हो गया!
जब मैंने पूछा
'बड़े आदमी तुम आदमी तो हो न!'
तो वह नंगा हो गया और मर गया.
----------------विश्वनाथ त्रिपाठी से साभार